जम्मू-कश्मीर में पश्चिमी विक्षोभ के कारण बर्फबारी और बारिश
पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में सर्दी ने फिर दस्तक दी है। कश्मीर के ऊंचे इलाकों में ताजा बर्फबारी हुई, जबकि मैदानी क्षेत्रों में बारिश दर्ज की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, यह विक्षोभ निचले से ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों तक फैला हुआ है और पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र को प्रभावित कर रहा है।
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मुख्य अपडेट्स
- बर्फबारी के आंकड़े:
- गुलमर्ग: 10.0 सेमी
- पहलगाम: 3.5 सेमी
- कुपवाड़ा: 2.5 सेमी
- प्रभावित क्षेत्र: जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, और उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी हुई है।
- IMD का पूर्वानुमान: पश्चिमी विक्षोभ के चलते आने वाले दिनों में भी हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी जारी रह सकती है।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ?
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर क्षेत्र में बनने वाले एक्स्ट्रा-ट्रॉपिकल तूफान हैं, जो पूर्व की ओर बढ़ते हुए भारत के उत्तरी क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं। यह एक गैर-मानसूनी वर्षा पैटर्न है, जो वायुमंडल की निचली परतों में कम दबाव प्रणाली बनाता है। इसके कारण:
- पहाड़ों में बर्फबारी होती है।
- मैदानी इलाकों में बारिश होती है।
जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- पश्चिमी विक्षोभ की तीव्रता में कमी देखी गई है।
- कम बर्फबारी के कारण रबी फसलों की पैदावार पर असर पड़ा है।
- जल स्रोतों की उपलब्धता भी प्रभावित हुई है।
FAQs
- पश्चिमी विक्षोभ क्या है और यह कैसे काम करता है?
पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागर क्षेत्र से उत्पन्न होने वाला एक एक्स्ट्रा-ट्रॉपिकल तूफान है, जो भारत के उत्तरी हिस्सों में बारिश और बर्फबारी लाता है। - क्या पश्चिमी विक्षोभ का असर केवल पहाड़ी क्षेत्रों तक सीमित है?
नहीं, यह मैदानी इलाकों में भी बारिश और तेज हवाओं का कारण बनता है। - क्या जलवायु परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ को प्रभावित कर रहा है?
हां, जलवायु परिवर्तन के कारण इसकी तीव्रता और आवृत्ति में कमी आई है, जिससे बर्फबारी और बारिश पर असर पड़ा है।