नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): निवेश में टैक्स कम करने के लिए
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) और बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दोनों ही निवेश के सुरक्षित और टैक्स-फ्रेंडली विकल्प हैं। इनमें से कौन सा बेहतर है, यह आपकी वित्तीय आवश्यकताओं और लक्ष्यों पर निर्भर करता है। आइए दोनों के बीच के मुख्य अंतरों को समझें:
Table of Contents
NSC और FD के बीच मुख्य अंतर:
विशेषता | नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) | बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) |
---|---|---|
ब्याज दर | 7.7% प्रति वर्ष, वार्षिक चक्रवृद्धि | 6.5% से 8% प्रति वर्ष, त्रैमासिक चक्रवृद्धि |
न्यूनतम निवेश | ₹100 | बैंक पर निर्भर करता है |
लॉक-इन अवधि | 5 वर्ष | 7 दिन से 10 वर्ष तक |
लिक्विडिटी | कम लिक्विडिटी, केवल विशेष परिस्थितियों में निकासी | अधिक लिक्विडिटी, प्रारंभिक निकासी संभव (जुर्माना के साथ) |
टैक्स लाभ | सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र, ब्याज पर टैक्स लगता है | सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र, ब्याज पर TDS कटता है |
जोखिम | सरकार द्वारा समर्थित, जोखिम मुक्त | DICGC द्वारा 5 लाख रुपये तक सुरक्षित |
कौन सा बेहतर है?
- NSC: यदि आप लंबी अवधि के निवेश की योजना बना रहे हैं और सरकारी समर्थन वाले निवेश में रुचि रखते हैं, तो NSC एक अच्छा विकल्प हो सकता है। यह टैक्स कटौती के लिए भी पात्र है और ब्याज पर टैक्स केवल मैच्योरिटी पर लगता है (पिछले वर्षों का ब्याज रीइन्वेस्ट होता है).
- FD: यदि आप अल्पकालिक निवेश या अधिक लिक्विडिटी चाहते हैं, तो FD बेहतर हो सकता है। यह विभिन्न बैंकों में उपलब्ध है और त्रैमासिक चक्रवृद्धि ब्याज के साथ उच्च रिटर्न प्रदान कर सकता है। हालांकि, ब्याज पर TDS कटता है।
प्रश्नोत्तर:
- NSC और FD में कौन सा बेहतर टैक्स-सेविंग विकल्प है?
- दोनों ही सेक्शन 80C के तहत टैक्स कटौती के लिए पात्र हैं, लेकिन NSC में ब्याज पर टैक्स केवल मैच्योरिटी पर लगता है, जबकि FD पर TDS कटता है।
- NSC और FD की ब्याज दरें क्या हैं?
- NSC की ब्याज दर 7.7% है, जबकि FD की ब्याज दर 6.5% से 8% तक हो सकती है।
- क्या NSC और FD दोनों में लिक्विडिटी समान है?
- नहीं, NSC में कम लिक्विडिटी होती है और यह केवल विशेष परिस्थितियों में ही निकाला जा सकता है, जबकि FD में अधिक लिक्विडिटी होती है और प्रारंभिक निकासी संभव है (जुर्माना के साथ).