मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे: ‘मिसिंग लिंक’ प्रोजेक्ट से यात्रा में क्रांति
मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर चल रहे ‘मिसिंग लिंक’ प्रोजेक्ट से मुंबई और पुणे के बीच यात्रा का समय लगभग 30 मिनट कम हो जाएगा। यह महत्वाकांक्षी परियोजना, जिसकी देखरेख महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) द्वारा की जा रही है, खोपोली निकास और सिंहगढ़ संस्थान के बीच 13.3 किमी के खंड का निर्माण शामिल है। इस परियोजना में एक केबल-स्टेड ब्रिज और व्यापक सुरंग प्रणाली शामिल है, जो इसे भारत में एक महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा विकास बनाती है।
Table of Contents
परियोजना की मुख्य विशेषताएं:
- दूरी में कमी: वर्तमान 19 किमी की दूरी को 13.3 किमी तक कम किया जाएगा, जिससे यात्रियों को लगभग 30 मिनट की बचत होगी।
- उन्नत बुनियादी ढांचा: इसमें एशिया की सबसे चौड़ी सुरंग और भारत के सबसे ऊंचे पुल शामिल हैं, जो यात्रा को सुरक्षित और अधिक कुशल बनाते हैं।
- पर्यावरण लाभ: यह मौजूदा मार्ग पर यात्रा को कम करेगा, जिससे ईंधन की खपत कम होगी और वायु प्रदूषण भी कम होगा।
नवीनतम अपडेट:
परियोजना पूरा होने के करीब है, और इसे सितंबर 2025 तक सार्वजनिक उपयोग के लिए खोलने की योजना है। लोनावाला के पास केबल ब्रिज के कारण निर्माण में देरी हुई है, लेकिन जल्द ही इसे पूरा किया जाएगा।
प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न:
- ‘मिसिंग लिंक’ प्रोजेक्ट क्या है?
‘मिसिंग लिंक’ प्रोजेक्ट मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर एक बुनियादी ढांचा विकास है, जिसका उद्देश्य यात्रा का समय कम करना और सुरक्षा बढ़ाना है ताकि भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों को बायपास किया जा सके। - यह यात्रियों को कैसे लाभान्वित करेगा?
यह यात्रियों को लगभग 30 मिनट का समय बचाएगा, यातायात की भीड़ को कम करेगा, और दुर्घटनाओं के जोखिम को कम करके सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा। - परियोजना के मुख्य बुनियादी ढांचे के घटक क्या हैं?
इस परियोजना में एक महत्वपूर्ण केबल-स्टेड ब्रिज और व्यापक सुरंग प्रणाली शामिल है, जो इसे भारतीय बुनियादी ढांचे का एक महत्वपूर्ण विकास बनाती है।