इस किले में होते हैं अश्वत्थामा के दर्शन! यहां विराजते हैं भगवान शिव

असीरगढ़ किला: इतिहास, मान्यताएं और आकर्षण

असीरगढ़ किला मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित एक ऐतिहासिक और रहस्यमयी स्थल है, जो अपने रोमांचक इतिहास और मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह किला 14वीं शताब्दी में बनाया गया था और लगभग 60 एकड़ में फैला हुआ है।

इतिहास और रणनीतिक महत्व:

  • निर्माण: असीरगढ़ किला का निर्माण 15वीं शताब्दी में अहीर राजवंश के एक शासक आसा अहीर ने करवाया था.
  • मुगल काल: 1601 में मुगल सम्राट अकबर ने इस पर कब्जा किया था और इसे दक्कन की कुंजी माना जाता था.
  • रणनीतिक स्थिति: यह किला ताप्ती और नर्मदा नदियों के बीच स्थित है और दक्कन के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग पर है.

मान्यताएं और आकर्षण:

  • अश्वत्थामा की मान्यता: महाभारत के अश्वत्थामा की आत्मा के इस किले में भटकने की मान्यता है, जो भगवान शिव की पूजा करने के लिए यहां आते थे.
  • गुप्तेश्वर मंदिर: किले में स्थित गुप्तेश्वर मंदिर में अश्वत्थामा के भगवान शिव की पूजा करने की कहानी प्रसिद्ध है.
  • तीन हिस्से: असीरगढ़, कर्मागरह और मलयगढ़ – ये तीनों हिस्से इस किले को बनाते हैं.

कैसे पहुंचें:

  • स्थान: बुरहानपुर से लगभग 20 किमी दूर।
  • परिवहन: टैक्सी या निजी वाहन से पहुंचा जा सकता है.

FAQs:

  1. असीरगढ़ किला कहां स्थित है?
    • असीरगढ़ किला मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित है, जो बुरहानपुर से लगभग 20 किमी दूर है।
  2. असीरगढ़ किले का इतिहास क्या है?
    • यह किला 15वीं शताब्दी में अहीर राजवंश के एक शासक आसा अहीर ने बनवाया था और बाद में मुगलों ने इसका कब्जा किया था।
  3. असीरगढ़ किले से जुड़ी मान्यताएं क्या हैं?
    • महाभारत के अश्वत्थामा की आत्मा के इस किले में भटकने की मान्यता है, जो भगवान शिव की पूजा करने के लिए यहां आते थे।
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