Election Commission का बड़ा ऐलान: डुप्लीकेट वोटर आईडी का समाधान!

चुनाव आयोग ने डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड नंबर के मुद्दे पर बड़ा ऐलान किया

चुनाव आयोग ने घोषणा की है कि वह अगले तीन महीनों में डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड नंबर के दशकों पुराने मुद्दे का समाधान करेगा। यह फैसला विपक्षी दलों की आलोचना के बाद आया है, जिनमें तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस शामिल हैं। टीएमसी ने इस मुद्दे को “लीपापोती” बताया है और चुनाव आयोग पर आरोप लगाया है कि वह इसे दबाने की कोशिश कर रहा है।

चुनाव आयोग का बयान:
चुनाव आयोग ने कहा है कि डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर वाले मतदाता केवल उसी मतदान केंद्र पर वोट डाल सकते हैं जहां उनका नाम मतदाता सूची में है। आयोग ने यह भी कहा कि वह मौजूदा मतदाताओं को यूनिक नेशनल ईपीआईसी नंबर देगा और नए मतदाताओं को भी विशिष्ट नंबर प्रदान करेगा ताकि भविष्य में डुप्लिकेशन न हो।

विपक्ष की प्रतिक्रिया:
टीएमसी ने चुनाव आयोग की व्याख्या को “कवर-अप” बताया है और कहा है कि आयोग ने अपनी गलती स्वीकार की है। कांग्रेस ने भी आयोग की व्याख्या को खारिज किया है और मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठाए हैं।

प्रश्नोत्तर:

  1. चुनाव आयोग ने डुप्लीकेट वोटर आईडी कार्ड नंबर के मुद्दे को क्यों संबोधित करने का फैसला किया?
    • चुनाव आयोग ने विपक्षी दलों की आलोचना के बाद इस मुद्दे को संबोधित करने का फैसला किया, जिन्होंने मतदाता सूची की शुद्धता पर सवाल उठाए थे।
  2. डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर का क्या अर्थ है?
    • डुप्लीकेट ईपीआईसी नंबर का अर्थ है कि एक ही नंबर कई मतदाताओं को जारी किया गया है, जो मतदाता सूची में त्रुटि को दर्शाता है।
  3. चुनाव आयोग इस मुद्दे को कैसे हल करेगा?
    • चुनाव आयोग मौजूदा मतदाताओं को यूनिक नेशनल ईपीआईसी नंबर देगा और नए मतदाताओं को भी विशिष्ट नंबर प्रदान करेगा ताकि भविष्य में डुप्लिकेशन न हो।
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