दिल्ली में प्रदूषण कम करने का अभिनव प्रयास: पेट्रोल पंप पर पुराने वाहनों की पहचान
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को कम करने के लिए एक नए तरीके की शुरुआत की जा रही है। यहां पेट्रोल पंप पर हाईटेक उपकरण और AI कैमरे लगाए जा रहे हैं जो 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों की पहचान करेंगे। इस पहल के तहत, इन पुराने वाहनों को 1 अप्रैल 2025 से ईंधन नहीं दिया जाएगा। जब भी कोई पुराना वाहन पेट्रोल पंप पर आएगा, तो लाउडस्पीकर के जरिए स्वचालित घोषणा की जाएगी और ईंधन नहीं दिया जाएगा।
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कैसे काम करेगा यह सिस्टम
- पहचान प्रक्रिया: AI कैमरे वाहन पोर्टल से जुड़े होंगे, जो वाहन की नंबर प्लेट, प्रदूषण प्रमाण पत्र, उम्र और बीमा की जानकारी के आधार पर पुराने वाहनों की पहचान करेंगे।
- तकनीकी एकीकरण: पेट्रोल पंपों पर आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें स्पीकर भी शामिल हैं जो स्वचालित रूप से चालू हो जाते हैं जब कोई पुराना वाहन पहचाना जाता है।
- सहयोग: दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन ने बताया है कि अधिकांश पेट्रोल पंपों पर आवश्यक उपकरण लगा दिए गए हैं और शेष पंपों पर भी जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा।
प्रदूषण पर प्रभाव
- वाहनों की संख्या: दिल्ली में 84 लाख से अधिक पंजीकृत वाहन हैं, जिनमें डीजल, पेट्रोल, सीएनजी और हाइब्रिड वाहन शामिल हैं।
- पर्यावरण लाभ: इस पहल से उम्मीद है कि प्रदूषणकारी पुराने वाहनों की संख्या में कमी आएगी, जिससे शहर की हवा साफ होगी।
FAQs
1. पेट्रोल पंप पर पुराने वाहनों की पहचान कैसे की जाएगी?
पेट्रोल पंप पर AI कैमरे वाहन पोर्टल से जुड़े होंगे, जो वाहन की नंबर प्लेट, प्रदूषण प्रमाण पत्र, उम्र और बीमा की जानकारी के आधार पर पुराने वाहनों की पहचान करेंगे।
2. इस उद्देश्य के लिए कौन सी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है?
हाईटेक उपकरण, जिनमें AI कैमरे और लाउडस्पीकर सिस्टम शामिल हैं, पेट्रोल पंपों पर लगाए जा रहे हैं ताकि पुराने वाहनों की पहचान की जा सके और उनके बारे में सूचना दी जा सके।
3. क्या यह पहल सभी प्रकार के वाहनों पर लागू होगी?
नहीं, यह पहल विशेष रूप से 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल और 10 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों पर लागू होगी। अन्य प्रकार के वाहन, जैसे कि सीएनजी और हाइब्रिड मॉडल, इस प्रतिबंध से प्रभावित नहीं होंगे।