सोना सस्ता होगा? सरकार ने लिया बड़ा फैसला

सोने और चांदी की कीमतें: वैश्विक परिदृश्य

सोने और चांदी की कीमतें लगातार रिकॉर्ड बना रही हैं, और सोना इस साल भी निवेशकों की पहली पसंद बना हुआ है। हाल के दिनों में डोनाल्ड ट्रंप की अमेरिकी सत्ता में वापसी की संभावनाओं ने वैश्विक स्तर पर उथल-पुथल मचा दी है, जिससे सोने में निवेश बढ़ रहा है और इसकी कीमतें चढ़ रही हैं। इस बीच, एक ऐसी खबर आई है जो आने वाले दिनों में सोना और चांदी के दामों पर कुछ राहत दे सकती है।

बेस इम्पोर्ट प्राइस में कटौती

सरकार ने सोने और चांदी के आयात के आधार मूल्य यानी बेस इम्पोर्ट प्राइस में कटौती की है। 3 मार्च को सोने का बेस इम्पोर्ट प्राइस 11 डॉलर घटाकर 927 डॉलर प्रति 10 ग्राम कर दिया गया है, जबकि चांदी का बेस इम्पोर्ट प्राइस 18 डॉलर घटाकर 1,025 डॉलर प्रति किलोग्राम किया गया है। इस कटौती से भारत में सोने का आयात कुछ सस्ता हो सकता है, जिसका फायदा आगे चलकर ग्राहकों को मिल सकता है।

भारत की सोने की खपत

चीन के बाद भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। भारत अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए सोना आयात भी करता है। वित्त वर्ष 2023-24 में गोल्ड इम्पोर्ट 30% बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया था, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 35 अरब डॉलर का रहा था। भारत सबसे ज्यादा सोना स्विट्जरलैंड से आयात करता है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है।

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कीमतों पर प्रभाव

भारत में सोने की कीमतें केवल मांग और आपूर्ति से ही प्रभावित नहीं होतीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली गतिविधियों का भी इन पर असर पड़ता है। लंदन ओटीसी स्पॉट मार्केट और कॉमेक्स गोल्ड फ्यूचर्स मार्केट जैसे प्रमुख वैश्विक बाजारों में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से भी सोने की कीमतें काफी हद तक प्रभावित होती हैं।

FAQs

1. सोने की कीमतें वैश्विक स्तर पर किन कारकों से प्रभावित होती हैं?
सोने की कीमतें वैश्विक आर्थिक स्थितियों, राजनीतिक तनाव, और प्रमुख बाजारों जैसे लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) में होने वाली व्यापारिक गतिविधियों से प्रभावित होती हैं।

2. बेस इम्पोर्ट प्राइस कैसे भारत में सोने की कीमतों को प्रभावित करता है?
बेस इम्पोर्ट प्राइस सोने के आयात की लागत को प्रभावित करता है, जिससे भारत में सोने की खुदरा कीमतें प्रभावित होती हैं। बेस इम्पोर्ट प्राइस में कटौती से सोना आयात सस्ता हो सकता है, जिससे आगे चलकर ग्राहकों को फायदा हो सकता है।

3. भारत वैश्विक सोने की खपत में क्या भूमिका निभाता है?
भारत दुनिया में सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, और इसकी अधिकांश जरूरतें आयात के माध्यम से पूरी होती हैं। यह मांग वैश्विक सोना बाजार की गतिविधियों और कीमतों को प्रभावित करती है।


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